साँसो का क्या भरोसा ये तो टुट जाते हैं
चंद लम्हो मे सारे रिश्ते-नाते छुट जाते हैं
जिसे आज तुम अपना-अपना कहते हो
शव पर आकर तेरे बस ये ही कुछ देर रो जाते हैं
शमशान पर पहुँच कर तेरे ये अपने
जलने मे कितना वक्त लगेगा ये सवाल पुछते हैं
कुछ नहीं जाता साथ तेरे ए मनुष्य
बस तेरे अच्छे कर्मो का फल ही तेरे काम आते हैं।
चंद लम्हो मे सारे रिश्ते-नाते छुट जाते हैं
जिसे आज तुम अपना-अपना कहते हो
शव पर आकर तेरे बस ये ही कुछ देर रो जाते हैं
शमशान पर पहुँच कर तेरे ये अपने
जलने मे कितना वक्त लगेगा ये सवाल पुछते हैं
कुछ नहीं जाता साथ तेरे ए मनुष्य
बस तेरे अच्छे कर्मो का फल ही तेरे काम आते हैं।
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