दे देता जान आपके लिये
कभी एक बार बोल तो दिया होता .
मुहब्बत है बेपनाह आपसे
कभी एक बार एहसास दिला तो दिया होता ।
आज जब आप दुर हो तो बहुत याद आती है आपकी
जुबाँ से ना सही कभी नजरों से बता तो दिया होता .
बसा लेता दिल मैं सारी दुनिया को बता कर
कभी हाथ पकङकर साथ चलकर दिखा तो दिया होता .
प्रेषक => सुब्रत आनंद
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